भारत-पाक तनाव के बीच फ्रांस का बड़ा धोखा
भारत ने पाकिस्तान के साथ हाल के तनाव में अपने शक्तिशाली रक्षा तंत्र से साबित कर दिया कि हमारे सामने कोई दुश्मन टिक नहीं सकता। ब्रह्मोस से लेकर आकाश मिसाइल तक ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया। इस अघोषित युद्ध में इजराइल और रूस जैसे देशों ने भारत का साथ दिया, लेकिन फ्रांस ने राफेल डील में बड़ा धोखा किया है।
क्या है राफेल सोर्स कोड विवाद?
भारत ने फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदे थे, लेकिन अब फ्रांसीसी कंपनी डसॉल्ट एविएशन राफेल के सोर्स कोड को साझा करने से इनकार कर रही है। सोर्स कोड किसी भी आधुनिक हथियार प्रणाली का सॉफ्टवेयर होता है, जिसके बिना भारत इन विमानों में अपनी जरूरत के अनुसार बदलाव नहीं कर सकता।
क्यों जरूरी है सोर्स कोड?
- ब्रह्मोस मिसाइल इंटीग्रेशन: भारत चाहता है कि राफेल में स्वदेशी ब्रह्मोस मिसाइल लगाई जाए, लेकिन सोर्स कोड न मिलने से यह संभव नहीं हो पा रहा।
- युद्धक क्षमता प्रभावित: पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध के दौरान भारत राफेल में ब्रह्मोस लगाकर आतंकी ठिकानों को नष्ट कर सकता था, लेकिन फ्रांस ने सहयोग नहीं किया।
- पहले भी हुआ धोखा: फ्रांस ने पहले भी मिराज विमानों के सोर्स कोड देने से इनकार किया था।
भारत ने तैयार किया प्लान बी
फ्रांस के रवैये से नाराज भारत अब रूसी एसयू-57 स्टील्थ फाइटर जेट खरीदने पर विचार कर रहा है। रूसी राष्ट्रपति पुतिन भारत के साथ एसयू-57 की तकनीक साझा करने को तैयार हैं।
स्वदेशी विकल्प भी तैयार
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 5वीं पीढ़ी के स्वदेशी स्टील्थ फाइटर जेट के विकास को मंजूरी दी है। यह भारत की रक्षा क्षमता को और मजबूत करेगा।
पाकिस्तान की चालबाजी के बीच भारत की तैयारी
जहां पाकिस्तान तुर्की से सैन्य सहयोग ले रहा है, वहीं भारत अपनी रक्षा तकनीक को स्वदेशी बना रहा है। फ्रांस का यह धोखा भारत को और आत्मनिर्भर बनाने का मौका देगा।
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