यूएस इंटेलिजेंस की रिपोर्ट: भारत का मुख्य विरोधी पाकिस्तान नहीं, चीन है

मुख्य समाचार:
अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने एक महत्वपूर्ण रिपोर्ट जारी की है, जिसमें कहा गया है कि भारत के लिए सबसे बड़ा सुरक्षा खतरा पाकिस्तान नहीं, बल्कि चीन है। यह रिपोर्ट भारत की उस दीर्घकालिक चिंता को मजबूती देती है, जिसमें नई दिल्ली पाकिस्तान को एक “द्वितीयक सुरक्षा समस्या” मानता है, जिसे प्रबंधित किया जा सकता है, जबकि चीन को रणनीतिक प्रतिद्वंद्वी के रूप में देखा जाता है।

पाकिस्तान का परमाणु ब्लैकमेल और भारत की चेतावनी

रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान भारत के सामरिक लाभ को कम करने के लिए “बैटलफील्ड परमाणु हथियार” विकसित कर रहा है। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह इस तरह के परमाणु ब्लैकमेल को बर्दाश्त नहीं करेगा और किसी भी आतंकी उकसावे का जवाब सख्ती से देगा।

ट्रंप प्रशासन की दोहरी भूमिका

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में दावा किया था कि भारत और पाकिस्तान “सदियों से लड़ रहे हैं,” लेकिन उनकी ही सरकार की खुफिया रिपोर्ट इस दावे को चुनौती देती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान की सैन्य प्राथमिकता भारत के साथ सीमा पर झड़पें बनाए रखना है, जिसका उद्देश्य आतंकियों को घुसपैठ कराना हो सकता है।

चीन का बढ़ता दबाव

भारत के लिए चीन एक बड़ी चुनौती बना हुआ है, खासकर लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश जैसे क्षेत्रों में। अमेरिकी रिपोर्ट इस बात को स्वीकार करती है कि भारत की रणनीतिक प्राथमिकता चीन के साथ तनाव को नियंत्रित करना है, न कि पाकिस्तान के साथ पुराने विवादों में उलझना।

निष्कर्ष:

अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट स्पष्ट करती है कि भारत के लिए पाकिस्तान अब एक प्रमुख सुरक्षा चुनौती नहीं है, बल्कि चीन उसका मुख्य रणनीतिक प्रतिद्वंद्वी है। हालांकि, पाकिस्तान का आतंकवादी समर्थन और परमाणु हथियारों का विकास अभी भी एक गंभीर मुद्दा बना हुआ है।

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